Jharkhand News : झारखंड के खूंटी जिले में गरीबी व मजबूरी के कारण बरसात के मौसम में एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ पेड़ के नीचे प्लास्टिक की झोपड़ी बनाकर अपना जीवन गुजार रही है. मामला रनिया प्रखंड के चुरदाग नदी टोला का है. इस गांव की मीना होरो अपने तीन बच्चों शनि होरो(12 वर्ष), विनोद होरो(आठ वर्ष) तथा संध्या होरो(दो वर्ष) के साथ गांव के पास एक महुआ के पेड़ के नीचे पिछले एक सप्ताह से प्लास्टिक की झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है.
मीना बताती है कि उसके पास रहने को घर नहीं है. पति परदेस में काम करने गए हैं. घर बनाने का पैसा नहीं है. पहले गांव के एक व्यक्ति के यहां रहते थे. परंतु वहां भी रहने से मना कर दिया. तो गांव में ही एक पेड़ के नीचे रहने लगे. बरसात में खुले आसमान में पेड़ के नीचे रहना संभव नहीं था तो वह रहने के लिए अन्यत्र जगह की खोज करने लगी. गांव के ही बिराज भुइयां, सुलेमान होरो आदि युवकों ने मिलकर गांव के पास एक महुआ के पेड़ के नीचे प्लास्टिक की झोपड़ी बना दिया.

मीना अपने बच्चों के साथ झोपड़ी में रहती है. बारिश होने पर पानी झोपड़ी के अंदर चला जाता है. मीना बताती है कि उसके पास जमीन है पर घर बनाने के पैसे नहीं हैं. मीना गांव में आस पास के क्षेत्रों में मजदूरी कर किसी तरह जीवन यापन के लिए पैसा जुटाती है. लाल कार्ड है. 20 किलोग्राम राशन मिलता है जो पूरे महीना नहीं चलता है.
झामुमो नेताओं ने ली सुध
मीना को उज्ज्वला योजना से गैस सिलेंडर व चूल्हा मिला है पर गैस भरवाने के लिए पैसा नहीं है. आस पास से लकड़ी चुनकर खाना बनाती है. बरसात के कारण चूल्हा नहीं जल पाता है तो कटहल आदि खाकर भूख मिटाती है. शनिवार को मीना के बारे में जानकारी मिलने पर झामुमो के जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद, सुदीप गुड़िया, सोदे पंचायत की मुखिया सोशन्ति डांग मीना के पास पहुंचे. उन्होंने मीना को चावल दिया और सुरक्षित जगह पर रखवाने के लिए अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया.

News Source : Prabhat khabar