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Jharkhand में 2500 सहायक पुलिस जवानों को एक माह का सेवा विस्तार, Hemant Soren सरकार का बड़ा फैसला

Jharkhand Police के साथ विधि-व्यवस्था में शामिल रहे 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त होने के करीब है। Hemant Soren सरकार के आदेश पर उन्हें केवल एक महीने का सेवा विस्तार मिला है। झारखंड सरकार ने पुलिस मुख्यालय को आदेश दिया है कि वैसे सहायक पुलिसकर्मी जिन्होंने पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें केवल एक महीने का सेवा विस्तार दें और इससे संबंधित आदेश सभी संबंधित जिला एसपी को दे दिया गया है।

हालांकि, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने आगे यह भी बताया है कि उस एक महीने की सेवा अवधि विस्तार के दरम्यान ही सहायक पुलिसकर्मियों की आगे की सेवा विस्तार पर विभाग सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहा है।

2017 में हुई थीं 2500 सहायक पुलिस कर्मी की बहाली

वर्ष 2017 में राज्य के 12 जिलों के लिए 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को बहाल किया गया था। इन जिलों में पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, चतरा, लातेहार, गुमला, पलामू, गढ़वा, दुमका, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा व गिरिडीह शामिल हैं। तब सिर्फ दो साल के लिए तत्कालीन रघुवर सरकार ने 10 हजार रुपये मासिक पर उन्हें बहाल किया था। दो साल के बाद सहायक पुलिसकर्मियों को एक साल का अतिरिक्त सेवा विस्तार दिया गया था। इसके बाद जब उन्हें सेवा से हटाया जाने लगा, तब सहायक पुलिसकर्मियों ने विरोध कर दिया था।

मंत्री मिथलेश ठाकुर की पहल पर सरकार ने मांगों पर किया विचार

झारखंड सरकार ने उनकी सेवा कुल पांच साल के लिए कर दी थी। इससे संबंधित आदेश जारी हो गया था। जारी आदेश के आलोक में ही राज्य के तीन जिले दुमका, सिमडेगा व पूर्वी सिंहभूम में जब सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त की गई जिसके बाद फिर विरोध शुरू हो गया है। अब सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों के समर्थन में मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी आ गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि सहायक पुलिसकर्मी झारखंड के बच्चे हैं, उनकी सेवा समाप्त न हो, इसके लिए वे मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे। सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर विचार शुरू हो गया है

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One thought on “Jharkhand में 2500 सहायक पुलिस जवानों को एक माह का सेवा विस्तार, Hemant Soren सरकार का बड़ा फैसला”
  1. […] राज्य सरकार बनकर तैयार इन आवासीय विद्यालयों का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कराना चाहती है। इसे लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी ही की जा रही थी कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन संचालित राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति ने गैर सरकारी संस्थाओं को सौंपने की प्रक्रिया को स्थगित करने को कहा। साथ ही भारत सरकार की पूर्व अनुमति के बिना इस संबंध में कोई निर्णय… […]

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