रांची : झारखंड विधानसभा बजट सत्र का अंतिम दिन था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को आखिरी समय में संबोधित किया। इस दौरान वह जमकर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ बोले। उन्होंने कहा कि सियार अगर शेर का खाल पहन ले तो वह शेर नहीं बन जाएगा। भाजपा के लोग यही हो गये हैं। सत्ता पक्ष के लोग लोकसभा चलने नहीं दे रहे है और यह इसी तरह का आचरण करते हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि इनको समझना चाहिए कि लोग यहां से जनप्रतिनिधियों का आचरण देखते हैं। ऐसे में हम लोगों को एक संदेश देना चाहिए कि सदन में किस तरीके का काम चल रहा है, क्योंकि बीजेपी के लोगों को विपक्ष में पहुंचने का काफी अफसोस है और बहुत दिनों तक रहेगा। इनके इसी आचरण के कारण यह झारखंड से साफ हो गये हैं। वह दिन दूर नहीं जब यह देश से साफ हो जाएंगे।
बोले सीएम हेमंत सोरेन- वर्षों से भाजपा की फैलाई गंदगी को साफ करने में ही हम फिलहाल परेशान हैं
जो लोग 1932 के विरोध में हाई कोर्ट गए थे वह भाजपा के समर्थक हैं। जो लोग भाजपा का बैनर पोस्टर लेकर के खड़े होते हैं और वही विरोध भी करते हैं। पहले को इनको यह बताना चाहिे कि ये 1932 के समर्थक है या फिर 1985 के समर्थक हैं। देश अब विचित्र दौर से गुजर रहा है। हम ये मानते हैं कि ये लोग राजनीतिक रूप से भी ताकतवर हैं। आर्थिक रूप से भी ताकरवर हैं। बौध्दिक रूप से भी हमसे ताकतवर हैं। लेकिन हम जमीन से जुड़े हुए हैं लोग है। हम झारखंड के आंदोलनकारी विचारधारा के लोग हैं। आज देश की स्तिथी यह है कि राज्य सरकारों को भीखमंगा बनाकर रख दिया है। ये आने वाले समय के लिए बेहतर संकेत नहीं है। बपहले चावल गायब हुआ, दाल गायब हुआ। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। आज कहीं भी ये लोग किसान, मजदूर के लिए काम किया है। ये लोग गरीबों को हवाई जहाज में बैठाने की बात करते थे। उनको तो हवाई जहाज में नहीं बैठाया लेकिन पूरा एयरपोर्ट और रेलवे को ही बेच दिया। बजट में भी देखेंगे किसानों को दिया जाने वाली राशि में 75 हजार करोड़ से 60 हजार करोड़ कर दिया गया।
बोले सीएम हेमंत सोरेन- वर्षों से भाजपा की फैलाई गंदगी को साफ करने में ही हम फिलहाल परेशान हैं
किसान इस देश की रीढ़ है। लेकिन ये उनकी कमर तोड़ने में लगे हैं। ये कैसा अमृत काल है। हमने भी अमृतकाल मनाने का फैसला किया। लेकिन वास्तविकता कुछ और है। आज विपक्ष हमला कर रहा है तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। कौन लोग अमृत पी रहा है। आज भी लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। ये कैसा अमृतकाल है। ना आम नागरिक, ना किसान, ना मजदूर किसी के पक्ष में ये सरकार काम नहीं कर रही है। आजादी के बाद बेरोजगारी बढ़ी है। अब बेरोजगार लोगों की संख्या 45 करोड़ हो गई। इनके सरकार 2,4,5 व्यापारी बस सुखी है। बाकी सब तो हासिये पर है। इनके कार्यकाल में जो इस देश को लूट कर निकल गये। बड़े-बड़े लोग जो देश का पैसा लेकर भाग गये। देश को नंगा करके निकल गये। उनका तो बाल भी बांका नहीं कर पाए। यहां किसान ऋण वापस नहीं कर पाए तो उन पर मुकदमा चला दिया जाता है।
इन लोगों ने बाहरीयों के लिए रास्ता खोलकर यहां के लोगों को ठगने का प्रयास किया। 1932 आधारित नियोजन नीति का विरोध इन लोगों ने किया है। सारे लोग सड़क पर आ गये तो कहां जाएंगे ये लोग। जिस तरह से राज्य में सरकार विकास के लिए तत्पर है। उस तरह से ये लोग काम नहीं करने देते हैं। हमलोग माइक में भाषण देने वाले लोग नहीं है हमलोग लोगों के दिल में बसने वाले लोग है। हमारा कोयला का बकाया पैसा हमलोगों को नहीं देते हैं। क्या एलपीजी का दाम हमने बढ़ाया। एलआईसी जैसी कंपनी आज खतरे में है। रातों रात लाखों करोड़ो रुपये डूब जाते हैं। लोगों पर लाठी मारने का काम क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने किया है क्या। विद्यालय किसने बंद कराया, चॉकलेट गरीबों का निवाला किसने खाया। गरीबों का कंबल किसने लूटा, यह बीजेपी के लोगों से पूछा जाए। एक 11,00,000 राशन कार्ड किस ने रद कराया है, यह बीजेपी के लोगों से पूछा जाए। सीएनटी एसपीटी एक्ट को किसने कमजोर कराया। यह बीजेपी के लोगों से पूछा जाए। यही लोग कहते थे झारखंड के लोगों के पास नौकरी पाने की योग्यता नहीं है। हाथी किसने उड़ाया। हमने तो हाथी नहीं उड़ाया। बीजेपी के लोग कहते थे कि झारखंड के लोगों को नौकरी पाने का हक नहीं ह।. यही लोग कहते थे कि झारखंड के लोगों में नौकरी पाने की योग्यता नहीं है।
आज की स्थिति यह है कि रेडियो, टेलीविजन, अखबार सब इनके जेब में है. यह जो ही बोलेंगे वही सामने आएगा। बाकी जो नहीं चाहेंगे वह नहीं आएगा। तपोवन मंदिर की स्थिति कितनी खराब है। हमारी सरकार ने मंदिर का जिर्णोधार करने का फैसला किया। ये लोग तो खुद हिंदू के दुश्मन हैं। यहा के सरकारी कर्मचारियों को हमने पुरानी पेंशन देने का काम किया। जो कर्मचारी 40 साल इस राज्य की सेवा की उसके कमाई को हम शेयर बाजार को लूटने नहीं दे सकते हैं। वो दिन दूर नहीं है जब इनको पूरे देश से हाथ धोना पड़ेगा।