आकाश सिंह रावत
जन दूत न्यूज़ टीम
कोरोना के मामले झारखंड में लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में झारखंड सरकार ने अपना अहम फैसला सुनाया है फैसला इस प्रकार से है कि नाइट कर्फ्यू झारखंड सरकार के द्वारा लगाया गया है आदेश पारित होने के बाद झारखंड के अलग-अलग जिले में इसको सख्ती से पालन कराने के लिए प्रशासन भी कड़ी मेहनत में जुट गई है कई दुकानें रात्रि 8:00 बजे के बाद पूरी तरह से बंद कर दी जा रही है ऐसे में नाइट करके को एक तरफ सफल भी माना जा रहा है ।
कुछ दिन पहले झारखंड सरकार ने कोचिंग संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया था इस आदेश का पूरी तरह से हजारीबाग जिले के छात्र विरोध करते दिखे छात्रों के कोचिंग को जब पुलिस के द्वारा बंद कराया जाने लगा तो छात्र आक्रोशित हो गए और छात्र और पुलिस आमने-सामने भिड़ गए छात्रों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया और छात्रों का जबरजस्त विरोध हजारीबाग जिला में देखने को मिला ।
कभी छात्रों ने कोरा चौक पर प्रदर्शन किया तो कभी छात्रों ने डिस्ट्रिक्ट मोड़ पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया एक सूर में छात्रों ने यह बताया कि कोरोना क्या चुनाव के वक्त भाग जाता है क्या चुनावी रैली में कोरोना नहीं है ऐसे तमाम बातें छात्रों के द्वारा की गई जिसमें कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती है ।
छात्रों का प्रदर्शन बढ़ता देख पुलिस ने चलाया लाठी।
छात्र छात्राओं का प्रदर्शन जिले में तेजी से बढ़ने लगा जिससे कोरोना के नियम की धज्जियां उड़ने लगी दिनभर प्रदर्शन छात्रों के द्वारा किया गया ऐसे में जब छात्रों का प्रदर्शन उग्र होता गया तो प्रशासन ने भी लाठियां भांजना शुरू कर दिया प्रशासन के द्वारा लाठी चलाई जाने पर छात्र इधर-उधर भागने लगे और भागने के दौरान कई छात्र गिर गए हैं जिससे उनकी जबरदस्त पिटाई प्रशासन के तरफ से की गई कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही है जिसमें छात्रों की पिटाई पुलिस प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है यह कुछ इमेजेस आप देख सकते हैं ।
कैसे घिरे राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन
एक ओर जब झारखंड के हजारीबाग जिले के छात्र सरकार के खिलाफ कोचिंग बंद कराने के फैसले का विरोध के साथ-साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे और धरना प्रदर्शन की तेजी होने की वजह से लाठियां भांजी गई और कई छात्र भी गिरफ्तार हुए तो ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मधुपुर उपचुनाव के लिए एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे और उस सभा में भीड़ होने पर एक सवाल जो सुबह से ही छात्र के प्रदर्शन में गूंज रहा था कि क्या चुनाव के वक्त कोरोना छुट्टी ले जाता है क्या चुनावी रैलियों में नियमों का पालन खूब हो रहा है इसका उदाहरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उपचुनाव के चुनावी सभा में देखने को मिला मंच पर कई नेता एवं कार्यकर्ताओं ने मस्क नहीं लगाया था और मुख्यमंत्री संबोधित कर रहे थे उसमें कोरोना के नियम का पालन भी नहीं होता दिख रहा था
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद फेसबुक के जरिए फोटो अपलोड कर लोगों को खुद इस बात की जानकारी दी कि
बीजेपी बताए कि उन्हें गरीब का निवाला इतना क्यूँ अखर रहा था कि उन्होंने 11 लाख गरीबों से राशन छीन लिया था? जबकि हमारी सरकार ने आते ही 15 लाख नये लाभुकों को राशन कार्ड से जोड़ा।
मधुपुर वासियों से अपील है बीजेपी जैसे बहुरूपियों से सावधान रहें।
आगामी उपचुनाव में 2 न० पर तीर-कमान को अपना आशीर्वाद देकर सरकार को और मजबूत करें। तीर-कमान को अपना वोट देकर हम जन-जन के नेता मरहूम हाज़ी साहब को सच्ची श्रद्धांजलि देंगे।
सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट होते ही। कई लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्रोल करना शुरू कर दिए ट्रोल इस प्रकार से की छात्र पढ़ाई करने के लिए मांग कर रहे हो तो छात्रों पर हेमंत सोरेन की सरकार लाठी बरसा रही है क्योंकि छात्र कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनावी सभा में क्या फोटो ना के नियमों का पालन किया जा रहा है ।
